HTTP और HTTPS क्या है? Hindi Meaning और जानकारी

हेल्लो दोस्तों, अगर आप Technology से जुड़े हुए है और internet का इस्तेमाल करते हैं तो आपने HTTP और HTTPS के बारे में पहले भी जरूर सुना होगा आजकल ये दोनों terms काफी पोपुलर है। ये पूरी तरह से internet से related हैं तो अगर आप इस तरह की चीज़े जानने में दिलचस्पी रखते हैं तो आप बिलकुल सही जगह आएं हैं क्यूंकि इस पोस्ट में हम इसी बारे में बात करेंगे की HTTP और HTTPS क्या है? और साथ ही हम यह भी जानेंगे की इन दोनों में क्या अंतर है तो चलिए सबसे पहले जानते हैं की HTTP क्या है।

HTTP और HTTPS दोनों ही Internet पर इस्तेमाल होने वाली Protocols हैं जिसका मतलब है मतलब कुछ नियमो का समूह या “Set Of Rules” जो Computer Devices को आपस में Communicate करने में सहायक होते हैं इनके बिना Internet या Network का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

HTTP क्या है?

HTTP (Hyper Text Transfer Protocol) एक एप्लीकेशन protocol है जिसका इस्तेमाल इन्टरनेट के जरिये hyper media या hyper text भेजने के लिए किया जाता है। इसके जरिये client browser एप्लीकेशन के द्वारा server से डाटा को ट्रान्सफर कर पाता है।

HTTP protocol के कारण ही client और server के बीच connection बन पाता है। HTTP protocol का इस्तेमाल करके ही हम WWW (वर्ल्ड वाइड वेब) के जरिये डाटा भेज पाते है। हम इन्टरनेट के जरिये जितनी websites और डाटा खोलते है या download करते है वो सभी HTTP की वजह से ही संभव हो पाता है। HTTP वर्ल्ड वाइड web का आधार (base) है| HTTP डाटा ट्रान्सफर करने के लिए port 80 का इस्तेमाल करता है।

HTTP अधिकतर इस्तेमाल होने वाले protocols में से एक होता है जिसका वजह से हम आजकल technology की सबसे अनोखी देन इन्टरनेट का इस्तेमाल कर पाते हैं HTTP protocol HTTPS protocol का base है इसलिए HTTPS का इसके बिना कोई अस्तित्ब नहीं।

यह कैसे काम करता है?

HTTP एक एप्लीकेशन लेयर की protocol है मतलब यह अपना सारा काम एप्लीकेशन के जरिये करती है। यह एक request-response protocol है जिसके जरिये client और server आपस में कम्यूनिकेट कर पाते है जिसमे client हमारा browser जैसे Internet Explorer या google chrome और server हमारे web-server जैसे Apache आदि जो किसी और मशीन में इनस्टॉल रहता है जिससे हम कुछ भी request करते है।

HTTPS क्या है?

HTTP की सिक्यूरिटी काफी कमजोर है इसको आसानी से हैक किया जा सकता है इसका इस्तेमाल पेमेंट गेटवे या सेंसिटिव इनफार्मेशन को भेजने के लिए तो बिलकुल भी नहीं किया जा सकता है। HTTP की इसी कमी को पूरा करने के लिय HTTPS (Hyper Text Transfer Protocol Secure) बनाया गया।

यह HTTP का नया और updated version है। इसका इस्तेमाल करके वेबसाइट को और भी secure बनाया जा सकता है। HTTPS protocol के द्वारा भेजा गया डाटा पूरी तरह से Encrypt हो कर देता है जिससे इसे आसानी से हैक नहीं किया जा सकता। HTTPS में एक लेयर SSL यानी (Secure Sockets Layer) होती है।

HTTPS पुराने HTTP के मुकावले काफी सिक्योर है जिस पर सर्च इंजन भी ज्यादा ट्रस्ट करते हैं इसीलिए हमें HTTPS वाली Websites हमें google सर्च में ऊपर दिखाई देती हैं हालाँकि इसका इस्तेमाल तभी जरूरी होता है जब हम अपनी वेबसाइट पर किसी भी तरह का payment gateway लगाते हैं या यूजर से उसकी sensitive इनफार्मेशन मांगते हैं।

यह कैसे काम करता है?

HTTPS भी ठीक HTTP की तरह ही काम करती है बस फर्क सिर्फ इतना है की यह server या client द्वारा भेजे गए डाटा को encrypt कर देता है जिससे डाटा और भी  ज्यादा secure हो जाता है।

जैसे अगर आप अपने कुछ डिटेल जैसे पासवर्ड बगेरा किसी HTTP सर्टिफिकेशन वाली वेबसाइट में डालते हैं तो आपका डाटा नार्मल text के फॉर्म में जाएगा जिसे आसानी से पड़ा जा सकता है जबकि वहीं अगर उसी वेबसाइट के पास HTTPS सर्टिफिकेशन है तो आपका डाटा secure हो कर जाएगा जिसे इतनी आसानी से पड़ा नहीं जा सकता।

URL क्या होता है?

HTTP और HTTPS को अच्छे से समझने के लिए आपको URL के बारे में भी पता होना चाहिए URL यानी Uniform Resource Locator, यह Internet पर उपलब्ध किसी भी Website, File या Document आदि के Address को कहा जाता है जिसको हम Browser में या File Downloader आदि में डालते हैं किसी Specific File या Document को Load करने के लिए Protocol इसी का एक हिस्सा होता है।

SSL क्या होता है?

SSL (Secure Sockets Layer) एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसका इस्तेमाल web-server और browser के बीच encrypted connection बनाने के लिए किया जाता है। web-server को SSL connection बनाने के लिए एक SSL सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है जिसको activate करने के लिए आपको दो cryptographic keys की जरूरत होती है जिनमे से एक है Public key और दूसरी है Private key होती है।

इनको लेने के लिए आपको अपनी वेबसाइट के लिए SSL सर्टिफिकेट अलग से खरीदना पड़ेगा। जिसे आप आसानी से ऑनलाइन खरीद सकते है।

HTTP और HTTPS में अंतर

  • HTTP की सिक्यूरिटी काफी कमजोर है इसे आसानी से हैक किया जा सकता है जबकि वहीं HTTPS एक काफी secure protocol है जिसे हैक करना आसान नहीं है।
  • HTTP में डाटा पैकेट्स बिना किसी Encryption के भेजे जाते है जबकि वहीं HTTPS में डाटा पैकेट्स encrypt करके भेजे जाते है।
  • HTTP के लिए Certificate हर वेबसाइट को फ्री में मिलता है जबकि वहीं HTTPS के लिए SSL (secure Sockets Layer) अलग से लेना पड़ता है

HTTP के बारे में कुछ facts

  • HTTP को सन 1965 में Tim Barners-Lee के द्वारा बनाया था।
  • HTTP को सन 1965 में ही develop कर लिया गया था लेकिन इसे पहली बार पूरी तरह से सन 1991 में इस्तेमाल किया गया था।
  • HTTP का पहला अपडेट HTTP/1.1 इसके 8 साल बाद यानी 1999 में आया था जो अभी तक का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया गया version है।
  • आजकल हम HTTP का version HTTP/2 उसे करते है जो की Internet Engineering Task Force के द्वारा develop किया गया था।